बिखेरेगा गर तू सिंदूर किसी गैर की माँग में लाज़्म

बिखेरेगा गर तू सिंदूर 
किसी गैर की माँग में 
लाज़्मी है
की बिखर जायेंगी 
ये सांसे भी उन्हीं  हालात में

©#Mamtayadav(tista)#writer 
  #सिन्दूर
बिखेरेगा गर तू सिंदूर 
किसी गैर की माँग में 
लाज़्मी है
की बिखर जायेंगी 
ये सांसे भी उन्हीं  हालात में

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  #सिन्दूर
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MamtaYadav

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