जो कृष्ण के प्रेम का मर्म जान जाएगा वो एक दिन स्वयं "शिव”हो जाएगा...! स्वयं शिव भी कृष्ण लीला देखने वृंदावन आए और गोपी का रूप धर रासलीला देखने पहुँचे थे। देवों के देव महादेव भी जिनके प्रेम से अभिभूत हो.. वही गोपेश्वर भगवान के रूप में वृन्दावन में विराजमान हैं सन्यासी बन पर्वतों में रहने वाले