यें पल... बढ़ रहीं है धड़कन... चुप-चुप सा है यें मन... यें हवा ला कुछ खबर... नाराज क्यू है...यें पल... चुप क्यू यें फिजा है। बादलों मे छिपी क्यू धूप है। क्यू बैचन आज यें दिल.. मानों खफा यें जहान है। गुमसुम से यें नजारें बादल भी हुए है काले... आएं है आँखे भरकर अश्क भी है छूपे... यें पल क्यू उदास... बोल मेरी क्या खता है। मत रहना यूँ शांत... डरा-डरा सा यें समां है। #येंपल #shadesoflife