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मेरी नज़र जब पड़ोसन पर पड़ी थी, वह कमरे की खिड़की

मेरी नज़र जब पड़ोसन पर पड़ी थी,
वह कमरे की खिड़की के पास खड़ी थी। 
खिड़की में से ही हाथ हिला रही थी,
यूँ लग रहा था मुझे हेलो कह रही थी।
कुछ देर मैं उसे निहार रहा था,
मन ही मन किस्मत पर इतरा रहा था।
जैसे हाथ उठाकर उसे हेलो करना चाहा ,
बीवी ने आकर मेरा कंधा थपथपाया।
मुझसे बोली तुम्हें हेलो नहीं कह रही है,
वह  खिड़की के शीशे साफ कर रही है।
यह सुनकर मेरा  दिमाग सुन्न  हो गया,
कांच की तरह दिल चकनाचूर हो गया।

©SumitGaurav2005 #laughterkefatke #comedy #Funny #sumitmandhana #sumitgaurav #Nojotocomedy #nojotoapp #nojotoquote #Padosan 

#Loneliness
मेरी नज़र जब पड़ोसन पर पड़ी थी,
वह कमरे की खिड़की के पास खड़ी थी। 
खिड़की में से ही हाथ हिला रही थी,
यूँ लग रहा था मुझे हेलो कह रही थी।
कुछ देर मैं उसे निहार रहा था,
मन ही मन किस्मत पर इतरा रहा था।
जैसे हाथ उठाकर उसे हेलो करना चाहा ,
बीवी ने आकर मेरा कंधा थपथपाया।
मुझसे बोली तुम्हें हेलो नहीं कह रही है,
वह  खिड़की के शीशे साफ कर रही है।
यह सुनकर मेरा  दिमाग सुन्न  हो गया,
कांच की तरह दिल चकनाचूर हो गया।

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