हूँ मैं हिन्दुत्व का एक सिपाही... धर्म को संकट में देख, अब चुप नही रह सकता भाई !! शिवाजी के तलवार को लहराऊँगा, नीले गगन को भी, तेरे लहू से लाल बनाऊँगा.... मैने तो तुझे सदा भाई ही माना है.... मगर मैं क्या जानूं, जो तू हर वक्त मेरे पीठ में ही, छूरा घोपने को ठाना है.... मेरा मजहब मुझे,तुझसे बैर रखना नही सिखाता है.... चाहे तू कितना भी हो गलत, मगर तुझे वह हर वक्त, मानवता के नाम पर ही अपनाता है.... मगर तू मानव प्रेमी हो तब ना.... तू तो इंसानियत का गला घोटने वाला है, पर बहुत हो चुका, अब तो तुम्हे नही छोडूंगा मैं, मेरा ईश्वर भी,अब मुझे कहाँ रोकनें वाला है.... -Sp"रूपचन्द्र" #पालघर पे एक हिन्दुत्व भावना....🙏🏻