इस मुल्क में अमनो अमान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , जब भी बोला है वो नफ़रत के बीज बोए हैं ना बन जाए कहीं जद्दाल ये हैवान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , मुझे अज़ीज़ हैं श्रीराम और रामायण भी मंदिर में आरती और मस्जिद में अज़ान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , वो छीन लेगा मेरे हिस्से का आसमान भी मेरे मौला मेरे सिर पर आसमान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , मुल्क