हाथों में मेरे जुगनुओं की वो आब दे गया,, सियाह ना हो रातें मेरी ऐसा वो कमाल कर गया,, शब ढलते ही ख़त्म हो सारी उलझनें,वो ऐसी सहर का आगाज़ मेरे नाम कर गया..!! जम्मू@..!! आब=चमक शब=रात सहर=सवेरा सियाह=काली अंधेरी #शायरी_मेरी_डायरी_से #शायरी_के_अल्फ़ाज़ #जमशीद_शायरी #नोजोतोहिन्दी