बचपन और दादा जी गांव में रखा कभी शहर की याद ना आने दी बाप बना कभी मां की याद ना आने दी बेटा एक गिलास और पीले एक गिलास और पीले कह कह कर चार पांच गिलास दूध पिला दिया करते थे कोई आता था मेहमान हमारे घर पर मेरा ही बेटा है कहकर मिलवा दिया करते थे Akash divakar