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आज समझ आया की व्यस्तता ही जीवन है, आराम बस एक रोग

आज समझ आया की व्यस्तता ही जीवन है,
आराम बस एक रोग है,
ज़ब आराम ज्यादा हो जाता है तब 
मन और शरीर का नाश पहले होने लगता है।
ग़र जीवन में 
सुबह की नित्य- क्रिया,
रसोईघर की क्रिया,
और बस आराम हो,
तो एक घुटन होने लगती है,
एक ही काम से और रोज के आराम से,
मन भागने लगता है,
 एक ही वातावरण के आवरण से।
अजीब सी बेचैनी मन को घेरने लगती है,
न जाने कितनी बीती बातें,
कितने सपने सब आँखों के सामने से 
नाचते -भागते दिखते हैं।
 इसलिए हे मन, हे मानुष, हे नारी
तू व्यस्त रह,
मस्त रह,
कर्मठ रह,
भागता रह,
नाचता रह,
अपने सपने, अपनी उड़ान
के पीछे उड़ता रह।
क्यों आराम बस एक रोग है।

©shailja ydv
  #relaxation आराम बस एक रोग है
shailjayadav8882

shailja ydv

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#relaxation आराम बस एक रोग है #ज़िन्दगी

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