Nojoto: Largest Storytelling Platform

love marriage 3 लव मैरिज 3 ©Chandra mohan Love ma

love marriage 3
लव मैरिज 3

©Chandra mohan Love marriage 3
 अरुणेश अपने कमरे में चला जाता है और उमा से कहता है आउट हाउस में तुम्हारा सामान है ले जाओ उमा की मां समान ले जाने के लिए गाड़ी मांगआती है और अरुणेश अपने कमरे में जाकर रोने लगता है और पीछे से उमा भी जाने लगती है  कियोकी उमा ने अरुणेश को कभी रोते हुए नहीं देखा था लेकिन उमा की मां उसे रोक लेती है थोड़ी देर बाद गाड़ी आ जाती है और समान भरने लगते है अरुणेश कमरे से बाहर आता है और सोफे पर बैठ जाता है फिर उमा की नजर सोफे पर पड़ती है और वह सोचने लगती है पूरा शहर घूमा था तब ये सोफा पसंद आया था कितने प्यार से पूरे घर को सजाया था आज तिनके की तरह बिखर गया उमा का भी दिल नही कह रहा था की वह घर छोड़ कर जाए लेकिन परिस्थित ऐसी थी की रुक भी नही पाती उमा अरुणेश को गहने देने लगी अरुणेश ने कहा तुम ही रख लो तुम्हारे काम आयेगे मैं क्या करगा उमा बोली अदालत में तो तुम्हारा वकील तो कई बार चिल्ला चिल्ला कर कह रहा था 10 लाख के गहने अरुणेश तुम्हारा भी तो वकील कह रहा था सारा दहेज और 10 लाख रुपए और फिर अरुणेश अपने कमरे में गया और पीछे पीछे उमा भी चल दी उमा की मां आवाज देती रही लेकिन उमा रुकी नहीं और अरुणेश के कमरे में चली गई अरुणेश उमा को 10 लाख की चेक देने लगा उमा कहने लगी मैं नहीं लूंगी तुम रख लो तभी सारा सामान गाड़ी में भर गया था और उमा की मां आवाज लगाने लगी उमा आओ समान भर गया घर चलो उमा ने कहा आ रही हू थोड़ी देर बाद उमा की मां ने उमा को कमरे से बाहर लेकर आई बोली चलो उमा के पीछे ही अरुणेश आ गया उमा जब घर छोड़ कर जाने लगी तब अरुणेश जोर जोर से रोने लगा और  घुटने के बल बैठ कर कहने लगा मुझे माफ कर दो घर छोड़ कर मत जाओ मैं मर जाऊंगा तुम्हारे बिना इतना कहकर फर्श पर गिर गया फिर क्या उमा भी रोने लगी और कोर्ट के जो कागज मिले थे उन्हें फाड़ दिया और अरुणेश को उठा कर गले लग गई और ओ भी रोने लगी कहने लगी मैं भी तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगी ये सब देख कर उमा की मां भी घर चली गई और ओ  दोनो फिर से साथ रहने लगे l दोस्तो अगर एक माफी से घर बच रहा हो तो माफी मांग लेनी चाहिए " चंद्र मोहन" यादव" समाप्त
love marriage 3
लव मैरिज 3

©Chandra mohan Love marriage 3
 अरुणेश अपने कमरे में चला जाता है और उमा से कहता है आउट हाउस में तुम्हारा सामान है ले जाओ उमा की मां समान ले जाने के लिए गाड़ी मांगआती है और अरुणेश अपने कमरे में जाकर रोने लगता है और पीछे से उमा भी जाने लगती है  कियोकी उमा ने अरुणेश को कभी रोते हुए नहीं देखा था लेकिन उमा की मां उसे रोक लेती है थोड़ी देर बाद गाड़ी आ जाती है और समान भरने लगते है अरुणेश कमरे से बाहर आता है और सोफे पर बैठ जाता है फिर उमा की नजर सोफे पर पड़ती है और वह सोचने लगती है पूरा शहर घूमा था तब ये सोफा पसंद आया था कितने प्यार से पूरे घर को सजाया था आज तिनके की तरह बिखर गया उमा का भी दिल नही कह रहा था की वह घर छोड़ कर जाए लेकिन परिस्थित ऐसी थी की रुक भी नही पाती उमा अरुणेश को गहने देने लगी अरुणेश ने कहा तुम ही रख लो तुम्हारे काम आयेगे मैं क्या करगा उमा बोली अदालत में तो तुम्हारा वकील तो कई बार चिल्ला चिल्ला कर कह रहा था 10 लाख के गहने अरुणेश तुम्हारा भी तो वकील कह रहा था सारा दहेज और 10 लाख रुपए और फिर अरुणेश अपने कमरे में गया और पीछे पीछे उमा भी चल दी उमा की मां आवाज देती रही लेकिन उमा रुकी नहीं और अरुणेश के कमरे में चली गई अरुणेश उमा को 10 लाख की चेक देने लगा उमा कहने लगी मैं नहीं लूंगी तुम रख लो तभी सारा सामान गाड़ी में भर गया था और उमा की मां आवाज लगाने लगी उमा आओ समान भर गया घर चलो उमा ने कहा आ रही हू थोड़ी देर बाद उमा की मां ने उमा को कमरे से बाहर लेकर आई बोली चलो उमा के पीछे ही अरुणेश आ गया उमा जब घर छोड़ कर जाने लगी तब अरुणेश जोर जोर से रोने लगा और  घुटने के बल बैठ कर कहने लगा मुझे माफ कर दो घर छोड़ कर मत जाओ मैं मर जाऊंगा तुम्हारे बिना इतना कहकर फर्श पर गिर गया फिर क्या उमा भी रोने लगी और कोर्ट के जो कागज मिले थे उन्हें फाड़ दिया और अरुणेश को उठा कर गले लग गई और ओ भी रोने लगी कहने लगी मैं भी तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगी ये सब देख कर उमा की मां भी घर चली गई और ओ  दोनो फिर से साथ रहने लगे l दोस्तो अगर एक माफी से घर बच रहा हो तो माफी मांग लेनी चाहिए " चंद्र मोहन" यादव" समाप्त

Love marriage 3 अरुणेश अपने कमरे में चला जाता है और उमा से कहता है आउट हाउस में तुम्हारा सामान है ले जाओ उमा की मां समान ले जाने के लिए गाड़ी मांगआती है और अरुणेश अपने कमरे में जाकर रोने लगता है और पीछे से उमा भी जाने लगती है कियोकी उमा ने अरुणेश को कभी रोते हुए नहीं देखा था लेकिन उमा की मां उसे रोक लेती है थोड़ी देर बाद गाड़ी आ जाती है और समान भरने लगते है अरुणेश कमरे से बाहर आता है और सोफे पर बैठ जाता है फिर उमा की नजर सोफे पर पड़ती है और वह सोचने लगती है पूरा शहर घूमा था तब ये सोफा पसंद आया था कितने प्यार से पूरे घर को सजाया था आज तिनके की तरह बिखर गया उमा का भी दिल नही कह रहा था की वह घर छोड़ कर जाए लेकिन परिस्थित ऐसी थी की रुक भी नही पाती उमा अरुणेश को गहने देने लगी अरुणेश ने कहा तुम ही रख लो तुम्हारे काम आयेगे मैं क्या करगा उमा बोली अदालत में तो तुम्हारा वकील तो कई बार चिल्ला चिल्ला कर कह रहा था 10 लाख के गहने अरुणेश तुम्हारा भी तो वकील कह रहा था सारा दहेज और 10 लाख रुपए और फिर अरुणेश अपने कमरे में गया और पीछे पीछे उमा भी चल दी उमा की मां आवाज देती रही लेकिन उमा रुकी नहीं और अरुणेश के कमरे में चली गई अरुणेश उमा को 10 लाख की चेक देने लगा उमा कहने लगी मैं नहीं लूंगी तुम रख लो तभी सारा सामान गाड़ी में भर गया था और उमा की मां आवाज लगाने लगी उमा आओ समान भर गया घर चलो उमा ने कहा आ रही हू थोड़ी देर बाद उमा की मां ने उमा को कमरे से बाहर लेकर आई बोली चलो उमा के पीछे ही अरुणेश आ गया उमा जब घर छोड़ कर जाने लगी तब अरुणेश जोर जोर से रोने लगा और घुटने के बल बैठ कर कहने लगा मुझे माफ कर दो घर छोड़ कर मत जाओ मैं मर जाऊंगा तुम्हारे बिना इतना कहकर फर्श पर गिर गया फिर क्या उमा भी रोने लगी और कोर्ट के जो कागज मिले थे उन्हें फाड़ दिया और अरुणेश को उठा कर गले लग गई और ओ भी रोने लगी कहने लगी मैं भी तुम्हारे बिना नहीं जी पाऊंगी ये सब देख कर उमा की मां भी घर चली गई और ओ दोनो फिर से साथ रहने लगे l दोस्तो अगर एक माफी से घर बच रहा हो तो माफी मांग लेनी चाहिए " चंद्र मोहन" यादव" समाप्त #ज़िन्दगी