हा में बेशक बदलूंगी खुद को जैसे तुम चाहतें हों लेकीन यह भी याद रखना की अगर वक्त के साथ तुम बदल गए तो मुझसे कोई उम्मीद मत रखना हा में बेशक बदलूंगी खुद को जैसे तुम चाहतें हों लेकिन अगर तुम्हारा जमीर मार खा गया मुझे सम्मान देने में तो मुझसे कोई उम्मीद मत रखना हा में बेशक बदलूंगी खुद को जैसे तुम चाहतें हों लेकिन अगर तुम्हारा मेरे ऊपर भरोसा तनिक भी कम हुआ तो मुझसे भी कोई उम्मीद मत रखना क्यों की यह दिल का खेल है जनाब इसे जरा संभलकर खेलना पड़ता हैं जरासी भी ईमान में मिलावट दिखीं वही सब की ज्यादा असलियत और शक्षियत दिखीं तुम चाहते हो... #तुमचाहतेहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi