तुम बादल बनकर ग़रज़ना कभी, मैं बरसात की बुंद बनकर आऊं; तुम ढूंढ लेना कभी सपने में मुझे, मैं रात को नींद बनकर तो आऊं। ✍️फरहाना #barsat#nind#badal#NojotoHindi#shayari