जैसे प्यासी धरती पर, बारिश की पहली फुहार। एक सौंधी ख़ुशबू से महका दे सारा सँसार। तेरे ज़िस्म की महक से कुछ इस तरह हूँ मैं सरोबार। रहना तू दिल के पास कि चलता रहे सांसों का कारोबार। ♥️ Challenge-512 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।