"दर्द जुदाई का " आई मिलन की बेला तू आ री, आ री आ री आ री अ आ आ। बसी है तू उ उ दिल में ऐसी, रब भी जुदा न कर पाए समा री, अ आ आ आ री आ री, सुना सा लगे मन तू कँहा है, तू कँहा है , कहाँ है कंहाँ है । तड़पते दिल को अब तू ही समझा, ओ बाबली अब आ जा आ जा । मुझे अब है इन्तेजार तुम्हारी, बुझ न जाए मेरी आस,अब आ री। तू कहता है आने को मुझको, पर खता नही आने में मेरी। दिल जानू ओ क्या अब बताऊँ, लगा रखा है पहरा दुश्मन हमारी। है आस मौला अब तू कुछ कर, ना रह सकूँ मै अब उस बिन। तू कर ओ तू कुछ कर , राह दिखा, या तू साँस ले जा हमारी। मैं समझ न सका मै तेरी मजबूरी, हाय मेरा कैसा है ये मत मारी। मत मारी मत मारी ,आ री आ री। अ अ आ आ आ आ री आ री।। All contents copyright reserved T.E.I.E.S@2015 NEW DELHI. ©R K Choudhary(T.E.I.E.S) The Pain of separation#OneSeason