मैं अंधेरो की तस्वीर लिए बैठा था उजालो मैं भी देखा,,सब अंधेरा था दीवाली की रौशनी सा जगमगाता मोहब्ब्त का वो सहर जिस गली मे था अंधेरा वहा घर मेरा था इंतजार कोई एक दीप जला जाता तुम उस घर को जला गए,,जहा आंसुओ का बसेरा था ,vimal. gwasikoti💐... chubti yaad,,,