घाट-घाट का पानी पिया हर चूल्हे की रोटी खाई पेड़ों की छाया में बैठ थकान तन की मिटाई राहों में जो मिल गया राम-राम बोल दिया अपनें मंजिल की ओर क़दम उठाए, चल दिए सुप्रभात। इक परिंदे सी ये ज़िन्दगी, यहाँ वहाँ उड़ रही... #परिंदेसीज़िन्दगी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi