Note to Myself साथ देने वाला हर मुसाफिर साथी नहीं होता दिल में बसकर दिल को तोड़ने वाला हर कोई गुनहगार नहीं होता कुछ वक़्त की मजबूरियों कुछ रस्मों रिवाजों की बेड़ियां होती है उनके पैरों में जिन रिश्तों में कसमें जन्मों के साथ की और कहने को जिनका कोई नाम नहीं होता । बेनाम शायर