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प्रणय सूत्र में बंधने को, जब तन मन को, करके तैयार

प्रणय सूत्र में बंधने को,
 जब तन मन को, करके तैयार।
और खुशी से उत्सुकता 
बस, करने लगते जब इन्तजार।
हर दिन उठती एक नई 
उमंग ,दिल में लहराती बार-बार।
ना जाने क्यों एक अजनबी 
को, करने लगते हम दिल से प्यार।
वो घड़ी भी जब आ जाती
 है ,सेज मिलन की सज जाती है।
नज़रों को नज़रें छू जाती हैं ,
और हो जाता है जन्म जन्म का प्यार।
आंख मूंद कर एक दूजे 
पर, जीवन भर कर का, कर लेते ऐतवार।
शायद लोग इसी को कहते,
सच्चे अर्थों में जीवन का आधार।

©Anuj Ray
  #जीवन का आधार
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator
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#जीवन का आधार #कविता

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