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ख़त आज अल्मारी मे बहुत दिनो के वाद एक खत मिला कुछ प

ख़त आज अल्मारी मे
बहुत दिनो के वाद एक खत मिला
कुछ पुरानी बाते ताजा हुए 
आखो से आँसु आकर खत पिघला
ना जाने कुछ वक्त के लिए 
सब कुछ ठहेरा...
जिसे भुला चुका था, एक कागज के टुकरे ने 
सभी यादे समेटकर फिर से बुला रखा था
क्या कहे फिर से इस दिल को 
रुला रखा था...

©Yudi Shah आज अल्मारी मे
बहुत दिनो के वाद एक खत मिला
कुछ पुरानी बाते ताजा हुए 
आखो से आँसु आकर खत पिघला
ना जाने कुछ वक्त के लिए 
सब कुछ ठहेरा...
जिसे भुला चुका था
एक कागज के टुकरे ने
ख़त आज अल्मारी मे
बहुत दिनो के वाद एक खत मिला
कुछ पुरानी बाते ताजा हुए 
आखो से आँसु आकर खत पिघला
ना जाने कुछ वक्त के लिए 
सब कुछ ठहेरा...
जिसे भुला चुका था, एक कागज के टुकरे ने 
सभी यादे समेटकर फिर से बुला रखा था
क्या कहे फिर से इस दिल को 
रुला रखा था...

©Yudi Shah आज अल्मारी मे
बहुत दिनो के वाद एक खत मिला
कुछ पुरानी बाते ताजा हुए 
आखो से आँसु आकर खत पिघला
ना जाने कुछ वक्त के लिए 
सब कुछ ठहेरा...
जिसे भुला चुका था
एक कागज के टुकरे ने
yudishah2989

Yudi Shah

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