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दुनिया बेतहाशा दौड़ी चली जा रही थी, हथियारों की हो

दुनिया बेतहाशा दौड़ी चली जा रही थी,
हथियारों की होड़ लगा संहारक गीत गा रही थी ।
पर्यावरण पर प्रदूषण का क़हर बरपा रही थी,
प्रभु से बड़ा समझने की भूल भी करती जा रही थी ।।

कोरोना के एक जीवाणु ने सब दिला दिया याद,
सारी अक्ल सारे विज्ञान को याद दिलाई औकात । 
वैक्सीन के आगे पहुँचा नहीं सारा संसार,
नित नये स्वरूपों में जीवाणुओं की है भरमार ।।

कलम का सुझाव है भूल सुधार के करो प्रयास,
पर्यावरण का तुरंत रोक दो हर तरह का ह्रास ।
विकास के विनाशक तत्त्वों को दो तिलांजलि,
मानवता को ध्यान में रखके आगे हो विकास ।। #coronavirus #corona #coronaquote #AaveshVaani #JanMannKiBaat #world #hindipoetry
दुनिया बेतहाशा दौड़ी चली जा रही थी,
हथियारों की होड़ लगा संहारक गीत गा रही थी ।
पर्यावरण पर प्रदूषण का क़हर बरपा रही थी,
प्रभु से बड़ा समझने की भूल भी करती जा रही थी ।।

कोरोना के एक जीवाणु ने सब दिला दिया याद,
सारी अक्ल सारे विज्ञान को याद दिलाई औकात । 
वैक्सीन के आगे पहुँचा नहीं सारा संसार,
नित नये स्वरूपों में जीवाणुओं की है भरमार ।।

कलम का सुझाव है भूल सुधार के करो प्रयास,
पर्यावरण का तुरंत रोक दो हर तरह का ह्रास ।
विकास के विनाशक तत्त्वों को दो तिलांजलि,
मानवता को ध्यान में रखके आगे हो विकास ।। #coronavirus #corona #coronaquote #AaveshVaani #JanMannKiBaat #world #hindipoetry