ख़ुशी और ग़म के अलावा भी है ज़िन्दगी, ज़माने से लड़ना कौन सी शाबासी है। मेरे अलावा कोई गैर नहीं यहां,🐾 इस दिल को अभी, ख़ुद की तलाश जारी है। जितनी भी शिकायतें हैं खुद से किया करो, ज़माने से लड़ना कौन सी शाबासी है। यहाँ कौन किसी की है सुनता , ऊपर ख़ुदा बैठा सब देख रहा,🐾 ये सारी बेबस और लाचारी है। वक़्त मिला है तो हंस कर गुज़ार लो चलो, गुज़रे ज़मानों की यहां बस ख़ाक बाक़ी है। मेरे अलावा कोई गैर नहीं यहां, 🐾 इस दिल को अभी, ख़ुद की तलाश जारी है। #तलाशजारीहै #ख़ुदकीतलाश #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #suchita #suchitapandey ख़ुशी और ग़म के अलावा भी है ज़िन्दगी, ज़माने से लड़ना कौन सी शाबासी है। मेरे अलावा कोई गैर नहीं यहां,🐾 इस दिल को अभी, ख़ुद की तलाश जारी है। जितनी भी शिकायतें हैं खुद से किया करो, ज़माने से लड़ना कौन सी शाबासी है।