चीखते अश्रु नैनों से बहते दृष्य अनोखा छाया है निज कंधों पर अर्थी धर दी नायाब ये कलियुग आया है ख़ुद के सपनों का दाव खेल रहे शब्दों का शासन डोल रहा है ध्वजवाहक ही बने फिरते सौदागर अमृत का न अब मोल रहा है एक बदबू है मानो फैल रही इस सुंदर से बाग़ीचे में पर तुम दिखते हो ख़ूब आनंदित केवल भीड़ इक्ठ्ठा करने में हाथों में जो शस्त्र धारे हो वक़्त रहते उपयोग करो अहंकार को बिठा अर्थी पर शीघ्र उसे तुम विदा करो It's a good place when all you have is hope and not expectations ~ Danny Boyle #qasidquotes #qasid #hope #yqdidi #yqbaba #yqhindi #bestyqhindiquotes #hindiurdu