कहानी उसके दिल को छूकर हमारे दिल से निकलती सदाओ की रवानी उसकी ओर हमारी कहानी , लफ्ज़ नहीं थे दोनों के दर्मिया बस निगाहों से बात होती थी ।। वो कभी छत पर तो कभी उसके आंगन में होती थी , निगाहों से ही सवाल होते थे जवाब भी निगाहें देती थी ।। कहानी क्या बताए दोस्तो केसे नज़रे चार होती थी , खुद में ही सिमट जाती शरमाते हुए कभी इठलाती कभी इतराती कभी नाराज हो जाती थी ।। उसका दुप्पटे से वो सर ढकना आज भी बरबस याद आ जाता है, आगे कहानी ना पूछो दोस्तो अश्कों से दामन भीग जाता है।। उसकी यादे ही बस अब साथ होती है दिल में इतना दर्द है , ओर दुनिया को देखो इस दीवाने के टूटे हुवे दिल को कहानी कहती है।। **रूद्र** आज का विषय *****कहानी*****