नींद और ख़्वाब... बहुत बेचैन करती है मेरे दिल की ये बेचैनी, रातों को ना नींद आय, ना ही दिन में जगा जाए। यूं ख्वाबों में तेरा आना, मेरी बेचैनी बढ़ा जाना मेरी नींदों से पहले ही मेरी नींदें उड़ा जाए। जो ख्वाबों में मिले मुझको कभी परछाइयां तेरी, ना आता कुछ समझ मुझको यहां जाएं, वाहा जाएं!? कोई बतलाए तो हमको ज़रा इस नींद का सौदा, किसी हाकिम, किसी आलिम या तिजारत दां के हां जाएं। मेरे दिल की ये बेचैनी मुझे अक्सर ये कहती है, कहीं ज़्यादा ना जगना तुम, वही गलती ना हो जाए। बड़ा पक्का है याराना मेरी नींदों से ख्वाबों का....! जो आय नींद तन्हा तो, कहां ख्वाबों से भी रहा जाए? उठा देती हैं बिस्तर से, उड़ा देती है नींदें भी, वो कुछ ख्वाबों का यूं आना मुझे कम्बल ओढ़ा जाए। नagma शah ✍️ #Dream #sleep #Night