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Thank you for being connected Written by Harshita

Thank you for being connected
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
जितना जान पाएं हम
उतना पहचान पाएं हम
लेखनी की ताकत को 
ख़ुद में पहचान पाएं हम
आपके शब्दों में हम ख़ुद
को पहचान पाएं हम
बस बेबाक ज़िन्दगी की
शक्षियत को अपने पहचान 
पाएं हम।
लिखते लिखते लिख डाला
अब परिंदों को उड़ा डाला 
अब , स्याह ए समुद्र में फेंक
यूं बेकार की बातों को मुनासिब
समझ कर ख़ुद ना कहीं खो देना।
ख़ुद में पहचान बाक़ी है अब
लिखने की ताकत, लिखते रहे
 अब स्याही में डूबे जज़बात 
यूं ही  पन्नों पर बिखेरते रहे।
विश्वास को विश्वास जगाते रहे। Dedicating a #testimonial to gulrej khan
Thank you for being connected
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
जितना जान पाएं हम
उतना पहचान पाएं हम
लेखनी की ताकत को 
ख़ुद में पहचान पाएं हम
Thank you for being connected
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
जितना जान पाएं हम
उतना पहचान पाएं हम
लेखनी की ताकत को 
ख़ुद में पहचान पाएं हम
आपके शब्दों में हम ख़ुद
को पहचान पाएं हम
बस बेबाक ज़िन्दगी की
शक्षियत को अपने पहचान 
पाएं हम।
लिखते लिखते लिख डाला
अब परिंदों को उड़ा डाला 
अब , स्याह ए समुद्र में फेंक
यूं बेकार की बातों को मुनासिब
समझ कर ख़ुद ना कहीं खो देना।
ख़ुद में पहचान बाक़ी है अब
लिखने की ताकत, लिखते रहे
 अब स्याही में डूबे जज़बात 
यूं ही  पन्नों पर बिखेरते रहे।
विश्वास को विश्वास जगाते रहे। Dedicating a #testimonial to gulrej khan
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जितना जान पाएं हम
उतना पहचान पाएं हम
लेखनी की ताकत को 
ख़ुद में पहचान पाएं हम

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