मुसकान मेरा गहना दर्द के अंधकार में भी मैंने इसे पहना कमल से सीखा है कीचड़ संग रहना हवा से सीखा है बदबू संग बहना आसमां से देना और जमीन से सहना अब रूह मेरी आबरू और मुस्कान मेरा गहना मुस्कान मेरा गहना हिंदी कविता #दिल की बातें# हिंदी शायरी