दर्द जो भी मिले हमने हँस कर सहे और ग़ज़ल इश्क़ के गुनगुनाते रहे कई साल बीते जिनसे बिछड़े थे हम याद मुझको वो हर वक़्त आते रहे उनसे कहते भी क्या छोड़ कर जो गए उनके सज़दे में फिर भी दिल बिछाते रहे नींद फिर आँखों में कभी लौटी नहीं चाँद को लोरियाँ हम सुनाते रहे जिनकी यादों को दिनभर मिटाते रहे ख्वाब बनके खुली आँख में वो आते रहे दुःख ने सोचा बहुत कैसे तोड़े मुझे मैं उसे दुःख मुझे यूँ आजमाते रहे #ग़ज़ल_इश्क़_के #LOVEGRAPHY #yqbaba #yqdidi #yqghazal