राहें तेरे मुसाफिर में हम भी शामिल थे बहत मुश्किल से जो मिले,,,नाम से "मंजिल" थे "कोशिश" की हर दुनिया में नज़र आते हैं(२) हम "अंत" के नाम से बदनाम सही::- - ::- -सच्ची पहचान से शूरुवात हैं..... "END"- is just a ''BEGINNING"