मोहब्बत करो तो कोई दिखावा न करो, जो जैसा है उसे वैसे अपनाया करो। किसी के लिए कभी ख़ुदको न बदलना, अपने लिए किसीको बदलने की कोशिश न किया करो।— % & बहुत हो गया ,अब ये आवारगी नही करनी। मोहब्बत तो करनी है अय्याशी नही करनी।। लोग देते है मिसालें ,सज्जनता की जिसकी। उस पहचान को अब ,धूमिल नही करनी।। 👲👲👲 हमउम्र क्या खुद से बड़ो को भी पढाया है। कितनी बार अपनी इच्छाओं को दफनाया है। यू ही नही मिली ये पहचान मुझको।