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घूट आसुओं का पिया जाये कैसे ... पिया ये गजब ऋतु ह

घूट आसुओं का पिया जाये कैसे ...

पिया ये गजब ऋतु है विरह की, 

बेचैन दिल ख्वाब देखे मिलन की...

अब तुम ही बताओ,,,
 
पिया,, दिल को समझाऊँ कैसे 

अजब ये विरह है, सह पाऊँ कैसे.. 

ना जाने कब आयेगी ऋतु ये मिलन की.. 

समझ ना आता, ना कुछ है भाता.. 

तुम्हारी जुदाई मे राते है लम्बी.. 

यादो की बस्ती मे, बस ख्याल तुम्हारा.. 

छोड़ दिया कब से दिल ने धरकना, 

तुम ही बताओ ,

तुम बिन जिया जाये कैसे,, 

घूट आसुओं का पिया जाये कैसे...

©Preeti Vishwakarma Vartika #जिया जाये कैसे 

#8LinePoet
घूट आसुओं का पिया जाये कैसे ...

पिया ये गजब ऋतु है विरह की, 

बेचैन दिल ख्वाब देखे मिलन की...

अब तुम ही बताओ,,,
 
पिया,, दिल को समझाऊँ कैसे 

अजब ये विरह है, सह पाऊँ कैसे.. 

ना जाने कब आयेगी ऋतु ये मिलन की.. 

समझ ना आता, ना कुछ है भाता.. 

तुम्हारी जुदाई मे राते है लम्बी.. 

यादो की बस्ती मे, बस ख्याल तुम्हारा.. 

छोड़ दिया कब से दिल ने धरकना, 

तुम ही बताओ ,

तुम बिन जिया जाये कैसे,, 

घूट आसुओं का पिया जाये कैसे...

©Preeti Vishwakarma Vartika #जिया जाये कैसे 

#8LinePoet

#जिया जाये कैसे #8LinePoet #लव