तन्हाइयों से वाकिफ़ जबसे हुए हम, खुद को हमने अब जाना हैं झांका है हमने अपने अंदर, अपनी कमियों को हमने पहचाना है तन्हाइयाँ ही हमें अब रास आ गई हैं इन्हें ही अब हमने अपना बनाना है 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 247 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।