प्रणाम आज एक ख़त जो दिल के बहुत करीब है। बचपन का बोल जो आपके आगोश़ में सीखा था।दादू की उंगली थामें चलना सीखा,दादी का हर रात झूठ बोलकर खाना खिलाना दादू की उंगली थामे वो वन टू,अ आ का पाठ और शाम को भजन संध्या के साथ।सब याद आता है दादी का सानिध्य तो अभी भी है।पर दादू आप क्यों चले गये ।आप दोनों बरगद हैं हमारे जीवन के, आपकी शाखाओं से ही विकास पाया है हमने।बहुत ही सौभाग्यशाली हूँ मैं कि मैंने आप दोनो का प्यार पाया!बहुत बहुत प्यार❤ धन्यवाद आपकी all time favourite 👧 ©isha rajput #Grandparents #dadi #dadu #Childhood #Love #deargrandparents VAniya writer * Nimble Limner (Jasmine Sun)