किस तरह? उस पुराने किताब के सूखे पड़ चुके पन्ने की तरह, या ज़मीन पर पड़े उस अकेले डाल की तरह, हो सकता है, मैं हूँ किसी विरान मकान की तरह, उस नन्हें की बिखरी जुबान की तरह, या फिर एक तरफा प्यार की तरह, आखिर किस तरह..... 'मेरी पहचान' आखिर किस तरह? #Life #Thoughts