ये रात बड़ी हमराज़ है यारों से पक्की यारी इसकी सन्नाटों से गहरी ख़ामोशी इसकी अपने काले कुंए में न जाने कितने राज़ छुपाती ये रात बड़ी हमराज़ है Musings - 26/11/18