नींदों ने मेरी खुदकुशी कर ली क्या? क्यों जागने पे मिरे आंखों को आराम मिलता है... मसला फकत तेरी यादों का है, तो रहम कर वक्त मेरा आखि़र है, मुझ पर थोड़ा हक मिरा भी तो बनता है... ©Suman Zaniyan #फ़िराक