तुमसे लिपट कर , तेरे हर तकलीफ़ को मेहसूस करने लगी हूं मां , मैं भी अब तुम्हारी तरह आंसू मुस्कुरा कर छुपाने लगी हूं नादान परिंदों की तरह मैं भी चहकने लगी हूं पिंजरे में कैद हूं मैं फिर भी ख़्वाब को हकीकत में जीने लगी हूं...... _______________________________________________ Sketch : - By me 🙂 तुमसे लिपट कर , तेरे हर तकलीफ़ को मेहसूस करने लगी हूं मां , मैं भी अब तुम्हारी तरह आंसू मुस्कुरा कर छुपाने लगी हूं