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अपनी किस्मत में साथी मेरे...साथ इतना ही लिखा था। ख

अपनी किस्मत में साथी मेरे...साथ इतना ही लिखा था।
खत्म हुए दिन के उजाले... साथ इतना ही लिखा था।
मेरे अजीज़,मेरे रक़ीब,अलविदा तुम सबको मेरा
मिलता हूं अगले जन्म में...साथ इतना ही लिखा था।

©सुधा भारद्वाज #सिद्धार्थ_शुक्ला
अपनी किस्मत में साथी मेरे...साथ इतना ही लिखा था।
खत्म हुए दिन के उजाले... साथ इतना ही लिखा था।
मेरे अजीज़,मेरे रक़ीब,अलविदा तुम सबको मेरा
मिलता हूं अगले जन्म में...साथ इतना ही लिखा था।

©सुधा भारद्वाज #सिद्धार्थ_शुक्ला