जो मज़ा कभी कभी में है बार बार में कहाँ, जो मज़ा दिल्लगी में है प्यार में कहाँ, करनी होती बयां मोहब्बत तो कब का कर देता, पर जो मज़ा दीदार में है इज़हार में कहाँ। #Heartbeat #Poetry #Dillagi #izhaar