तुम "पुरुष" एक पिता, एक भाई एक पति, एक पुत्र सबसे बढ़कर एक मित्र आभार तुम्हारा. . . . . की तुम "पुरूष" विश्वास हो हर नारी का। बन के फौलाद झेल लेते हो हर तूफान बन जाते हो सख्त/कठोर सीपी सा कि पुत्री, बहन,पत्नी और माँ के कोमल जज़्बातों को सहेज सको मोती सा आभार तुम्हारा. . . . कि तुम "पुरुष" अस्तित्व हो हर नारी का। . . . . . . . . . वात्सल्य तुमसे, दुलार तुमसे प्रेम और मनुहार तुमसे पुत्र रूप में माँ का अभिमान तुमसे आभार तुम्हारा. . . . . कि तुम "पुरुष" पूर्णता हो हर नारी की ।। #happymensday