दिल की दीवार पे अपनी चाहत की इबारत लिखना है। मुझको अब सिर्फ तेरी आँखों की शरारत में दिखना है। मैं चाहता हूँ तुझमें घर कर लूँ, तुझको अपना बना लूँ। तुझमें शामिल होकर, अब तेरी मोहब्बत में दिखना है। भुला ना सको तुम मुझको, वो ख़्वाब बनना चाहता हूँ। तेरी हर बात और ज़िक्र में, मुझे हक़ीक़त में दिखना है। हर्फ़-दर-हर्फ़ तू मेरी चाहत को पढ़कर गुनगुनाती रहे। मुझको तेरी ख़ातिर अब वो नज़्म वो ग़ज़ल बनना है। किसी और का बनने की, अब चाहत नहीं है मुझको। मैं सिर्फ तेरा हूँ और मुझे तेरा ही "साहिल" बनना है। ♥️ Challenge-688 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।