एक किताब हूं खुली नहीं , थोड़ी बंद सी एक सुनी गली हूं चोड़ी नहीं ,थोड़ी तंग सी एक नतीजा हूं जीती हुई नहीं ,एक हारे जंग की एक तपस्या हूं मुकम्मल नहीं, जरा भंग सी हाँ एक लड़की हूँ शांत सफेद सी नहीं , जरा सी रंग सी Can we(girls) just be ourselves and not try to be the so called sanskaari and perfect... I can be rude I can be moody I can be broken... And I can be what I want to be...🖤🥀 #monpens