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सब कुछ कितना अच्छा होता अगर बाँट देता ख्वाइशें मैं

सब कुछ कितना अच्छा होता
अगर बाँट देता ख्वाइशें मैं
जिन्दगी के शिकारों पर..
याद किसी की न आती
चाँद का पहरा न होता रातों पर,
तुम दिल लगाते इंसानों से
मैं बदल लेता दुकानों पर,
तुम गुन गुनाते रात के अंधेरों में
मैं जलाता दीप दीबारों पर,
तुम्हें खौफ चमकती 
बारिश-ए-बिजली का
न देते आबाज फिर भी
मैं आ जाता मुहानों पर,
तुम उगते सूरज जैसे उसके हाथों में
और मैं डूब जाता किनारों पर,
सब कुछ कितना अच्छा होता
अगर बाँट देता ख्वाइशें मैं
जिन्दगी के शिकारों पर..

©Gaurav iit #कितनाअच्छाहोता
#gaurav_iit
#nojotoquote 
#nojotophoto 
#aestheticthoughts
#Poetry 
#Hindi 
#nazm
सब कुछ कितना अच्छा होता
अगर बाँट देता ख्वाइशें मैं
जिन्दगी के शिकारों पर..
याद किसी की न आती
चाँद का पहरा न होता रातों पर,
तुम दिल लगाते इंसानों से
मैं बदल लेता दुकानों पर,
तुम गुन गुनाते रात के अंधेरों में
मैं जलाता दीप दीबारों पर,
तुम्हें खौफ चमकती 
बारिश-ए-बिजली का
न देते आबाज फिर भी
मैं आ जाता मुहानों पर,
तुम उगते सूरज जैसे उसके हाथों में
और मैं डूब जाता किनारों पर,
सब कुछ कितना अच्छा होता
अगर बाँट देता ख्वाइशें मैं
जिन्दगी के शिकारों पर..

©Gaurav iit #कितनाअच्छाहोता
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