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तन्हाई मे तन्हा से पूछते है, दर्द कि दुनिया में मह

तन्हाई मे तन्हा से पूछते है,
दर्द कि दुनिया में महफिल को ढूंढते है।
और तड़पते है रातो को अंधेरे मे,
पर सुबह होने पर अंधेरे को ढूंढते है।।

©Virendra Aadil virendra kumar

#jail
तन्हाई मे तन्हा से पूछते है,
दर्द कि दुनिया में महफिल को ढूंढते है।
और तड़पते है रातो को अंधेरे मे,
पर सुबह होने पर अंधेरे को ढूंढते है।।

©Virendra Aadil virendra kumar

#jail