"हे प्रेम, देव तेरे चरणों में हुआ मैं तो भावविभोर। "मोर मुकुट, छवि अति सुहावना प्रेम रस "मंजरी" (राधा) लागन है गोर।। "मोहे लागी, कैसी प्रीत बंसी बजा पहुंचा दे उस छोर। "मारो मुरलीधर, माखन भोग लगाओ लागे है सब तोर।। "हे प्रेम देव, तेरे चरणों में हुआ मैं तो भावविभोर... ©Abhishek tripathi#chgr@c #chgr#@:c