इत्तेफाक से है ये इल्तज़ा, एक इत्तेफाक हमारे साथ भी हो जाए। कोई आए नजर के सामने, और हमारा हो जाए। देखे हमारी आंखों में, और आखों में खो जाए। छोड़ो सब है खयाली बाते अरे ऐसा भी कुछ होता है? इत्तेफाक की है खासियत,साला इत्तेफाक से ही होता है। ©Somraj Koushal #Ittefaaq