जब से ज़िन्दगी में बहार बनकर तुम आई हो, तुमसे ही ख़ुशियाँ है जो तुम संग-संग लाई हो। खिल उठा देखो ना कैसे आज मेरा बावरा मन, हाथ में सगाई की अंगूठी ले कर खड़ें हम-तुम। इस दिल की धड़कने ख़ुशियों से धड़क रही है, प्यार के रंगों वाली तितलियां परियाँ बन गई है। बजेगी ना प्यार की भी जल्दी ही फ़िर शहनाई, होगा मिलन भी और होगी फ़िर तुम्हारी विदाई। अब तुमको पाने के बाद कोई ख़्वाहिश ना रही, जीवन में दुख-दर्द लगे जैसे तुमसे ही ख़ुशियाँ है। ©Das Sumit Malhotra Sheetal जब से ज़िन्दगी में बहार बनकर तुम आई हो, तुमसे ही ख़ुशियाँ है जो तुम संग-संग लाई हो। खिल उठा देखो ना कैसे आज मेरा बावरा मन, हाथ में सगाई की अंगूठी ले कर खड़ें हम-तुम। इस दिल की धड़कने ख़ुशियों से धड़क रही है, प्यार के रंगों वाली तितलियां परियाँ बन गई है।