जुबां खामोश होती है, आँखों की ये बातें, कहाँ हर रोज़ होती है, करे वो जब, बातें आँखों से, सुनो चुप रहना, उस पल कि, ये ख़ामोशी बड़ी, मदहोश होती है। ©Meena Singh my words your feelings#meen_writes