न स्याही, न कलम और न दवात रही ना हीं लिखनेवालों की वह जज़्बात रही । अब कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल पे ही उंगलियां फिरकती है इन में वह बात न रही । रहने को रहते ऑनलाइन हमेशा पर रहन सहन की वह सही राह ना रही । लिखने को लिखते हैं बहुत पर इस लिखावट में वह एहसास ना रही । #ink न #सियाही, न कलम और न दवात रही ना हीं लिखनेवालों की वह जज़्बात रही । अब कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल पे ही उंगलियां फिरकती है इन में वह बात न रही । रहने को रहते ऑनलाइन हमेशा पर रहन सहन की वह राह ना रही ।