हो अगर इश्क़, तो इश्क़ का खुमार हो न हो बेमुरव्वत.... न जिस्म पे सवार हो हो अगर इश्क़, तो इश्क़ का खुमार हो थाम लूंगा हाथ ,मै किसी भी बे-खबर का थाम लूंगा हाथ ,मै किसी भी बे-खबर का अगर वो भी मेरे.... इश्क़ में बीमार हो हो अगर इश्क़, तो इश्क़ का खुमार हो । इश्क़ की तालीम मे अकेला हूँ अक्सर कोई मिला जिसमे मुझ सा बुखार हो जो न हो कभी रुखसत, न दौलत पे निसार हो हो अगर इश्क़, तो इश्क़ का खुमार हो दिल मेरा सीने मे , उसके धड़के एक तीर जो उसके भी पार हो हो अगर इश्क़, तो इश्क़ का खुमार हो हो अगर इश्क़, तो इश्क़ का खुमार हो.... ©dr. Naveen Parihar #Love #naveenparihar #Naveen #NaveenPoetry #Photography