सैनिक की राखी ********************* वो भोली है वो मासूम है मेरी छोटी बहन जैसे गुलाब की पंखुड़ियों का हुजूम है मैं देश का सिपाही हूँ, एक रक्षक हूँ एक भाई हूँ हु माँ भारती का बेटा मैं, अपनी बहन की परछाई हूँ लेकिन इस बार उसकी चंद्र सी मुख आभा पर मोती से अश्रुओं का क्रंदन है उससे कैसे कहूँ मैं सरहद नहीं छोड़ सकता बहना क्यूँकि यही तो रक्षाबंधन है दुश्मन घात घातक है पर हममें भी माँ भारती की ताकत है अब तुम ही बताओ मेरी बहना राखी पर कैसे आऊँ मैं हमारे हाथों में तुम्हारी सी और कई बहनों की हिफाज़त है और यहाँ तो बस हमें तिरंगे में लिपटने की ही इज़ाज़त है ©Pradyumna sharma हुजूम= भीड़ #pradyumnasharma #RakshaBandhan2021